Uploaded 4 years ago
तू हज़ार बार भी रूठे तो मना लूँगा तुझे मगर देख मोहब्बत में शामिल कोई दूसरा ना हो किस्मत यह मेरा इम्तेहान ले रही है तड़पकर यह मुझे दर्द दे रही है दिल से कभी भी मैंने उसे दूर नहीं किया फिर क्यों बेवफाई का वह इलज़ाम दे रही है
__privacy_notes__